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Sunday 26 July 2009

मेरा उस से रिश्ता क्या है?

मैं नही जानता कि मेरा उस से रिश्ता क्या है
मैं तो बस इतना जानता हूँ
मेरी ज़िन्दगी का हर दर्द उसी से मंसूब है
मेरी रूह की हर खुशी उसी की देन है
मेरी पलकों का हर आंसू उसी का दिया हुआ है
मेरे चेहरे की हर मुस्कराहट उसी का तोहफा है
मेरे पांव का हर छाला उस की यादों से वाबस्ता है
मेरे बदन की हर खुशबु उस के हमराह बीते पलों की निशानी है
मेरी आंखों के सारे रतजगे उस की जुदाई के हैं
मेरे चेहरे की ताजगी उस से मिलन की गवाह है
मुझे मिलने वाला सारा प्यार उसी का दिया हुआ है
मेरे अपने प्यार पर भी सिर्फ़ उसी का हक है
मेरे दिल की हर धड़कन उसी के नाम की है
आती जाती साँसे भी उसी पर कुर्बान हैं
उस को पहुँचने वाली तकलीफ दिल को लगती है
दर्द में डूबी उस की आँखें रुला देती हैं
सोती आँखें उस का खवाब सजोती है
जगती आँखें उसकी राहों से कांटे चुनती हैं
शाम का सूरज उस की यादों के हमराह गुरूब होता है
सुबह का आफताब उस के हसीं तसव्वुर के साथ तुलू होता है
हाँ लोगे पूछते हैं मेरा उस से क्या रिश्ता है
मैं नही जानता
हाँ बस
मैं उस के बगैर अधूरा हूँ
उस के बगैर मेरी ज़िन्दगी का कोई माना नही

11 comments:

vandana gupta said...

khoobsoorat bhav.
http://vandana-zindagi.blogspot.com
http://redrose-vandana.blogspot.com

विनोद कुमार पांडेय said...

sab kuch to usi ne diya ..sukh bhi aur dukh bhi..
rista kuch bhi ho sare risto se pare hi hoga..

badhiya rachan..

ओम आर्य said...

मैं नही जानता
हाँ बस
मैं उस के बगैर अधूरा हूँ
उस के बगैर मेरी ज़िन्दगी का कोई माना नही
बहुत सिद्द्त से चाहा है आपने उसे.......

बहुत ही सुन्दर रचना.....बधाई

Vinay said...

सीधे दिल में तीर सी जा लगी!
---
शैवाल (Algae): भविष्य का जैव-ईंधन

सदा said...

मैं उस के बगैर अधूरा हूँ
उस के बगैर मेरी ज़िन्दगी का कोई माना नही


बहुत ही अच्‍छी रचना आभार्

अर्चना तिवारी said...

behad khoobsoorat rachna

Unknown said...

atyant saumya
atyant komal
atyant bhaavpoorna rachna.....................
badhaai !

निर्मला कपिला said...

कुछ दिन से लग रहा था कि कोई भहुत अच्छी चीज़ पढने से रह गयी तो आज ढूंम्ढ ही ली बहुत ही सुन्दर एहसास हैं
मैं नही जानता की मेरा उस से रिश्ता क्या है
मैं तो बस इतना जानता हूँ
मेरी ज़िन्दगी का हर दर्द उसी से मंसूब है
मेरी रूह की हर खुशी उसी की देन है
इस उम्र मे कहाँ से लाते हो ऐसी संवेदनायें शायद ये उस रिश्ते से ही मिली हैं बहुत बहुत आशीर्वाद्

simranjeet kaur said...

bahut sundar........
har shabd apne aap mein bahut kuch samate huye hai.

simranjeet kaur said...
This comment has been removed by the author.
अमृत कुमार तिवारी said...

बेहद ही खूबसूरत बेहद ही भावपूर्ण रचना। मित्र आपके मूंह से तो कई दफा शेर-ओ-शायरी सुना था। कम्बख्त ये भी ना जान सका कि ये सब आपके दिल की धरोहर हैं। आज जाना हूं....मैं खुद मार्मिक हो गया हूं। ......बस इंतजार रहेगा। आपके अगले पोस्ट का।
अमृत ....