
दुनिया जाने किओं हम से जलती थी ...आख़िर हम में ऐसा क्या था? हम में कौन सी खराबी थी ? क्या हमारा इक दोसरे से बातें करना ...क्या हमारा इक दूसरे के साथ हँसना ... ये ठीक नही था ..या क्या उस की प्यारी चाहतें ... जो मेरे साथ रहती थीं ...क्या उस का प्यार भरा लहजा ...यही सब को तकलीफ देता था ...या ये की वो लड़की थी ... दुनिया किस वजह से हम से जलती थी नही मालूम ...मैं नही जानता ... पर ...कितना दुःख होता है दुनिया की खोखली सोच पर ... दुनिया वालों के ग़लत जेहन पर ...क्या हम दोनों के बीच कुछ चल रहा था ...हरगिज़ नही ...हो ही नही सकता था ...आख़िर दुनिया वाले ये किओं भूल जाते हैं की संसार में इक लड़के और इक लड़की के बीच सिर्फ़ आशिक , माशूक या महबूब और महबूबा का ही रिश्ता नही होता ... प्यार , इश्क मोहब्बत से बड़ा भी इक रिश्ता होता है ... हाँ उस में ये साड़ी चीजें मौजूद होती हैं ..क्या दोस्ती का रिश्ता ऐसा ही नही है ....
11 comments:
umda baat !
बहुत अच्छी बात कही आपने।
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विज्ञान चर्चा
बहुत ही सही कहा मुझे भी यह बहुत बार लगता है कि प्यार से बडा भी कोई रिश्ता होती है ...........अतिसुन्दर बात आपने कर दी है........
sach kaha dost...
सही है.
aapne theek kaha dosti ka rishta aisa hi hia..or logo ki soch bhi aisee hi hia...badalne me waqat lagega..par soch badlegee jaroor....
मित्र दुनिया का काम ही हर उस बात में जलना है जिस काम म आपको ख़ुशी मिलेगी. बहरहाल एक लड़के और लड़की को लेकर दुनिया की छोटी सोच को प्रस्तुत करने का यह प्रयास अच्छा है. आगे लिखे जाने वाले लेखों के लिए शुभकामनाये.
आपके ब्लॉग पर पहली बार आई हूँ ...बहुत सुंदर भावना उतनी ही सुंदर रचनाएं हैं, और ब्लॉग भी सुंदर है
urs blogs is too gud yaar ....hows u wrote all these things .....its really amazing to c urs imagination....
umda baat....
kisi ko kya malum dosti kitni pavitra chij hai
logo ko wo nazar ata hai jo wo dekhana chahte hai. bhawnao ko shabdo me dhala. shukriya.
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