
क्या तुम जानते हो तुम्हारे इंतज़ार में कितने सूरज डूब गए....... कितने लोग इस साहिल पर आए और घंटों बातें करके चले गए........ पानी की कितनी लहरों ने तुम्हारा नाम ले कर मुझे छेड़ा है......... कितने लोग तुम्हारा नाम लेकर मुझ पर हंस कर अपनी राह लग लिए ....क्या तुम को याद है की कितने देर के लिए तुम यहाँ से गए थे ....... शायद नही ...पर मैं तो अब तक तुम्हारी राह देख रही हूँ ..... काश तुम उन अनदेखे पानियो की तरफ़ से लौट आओ .......शायद समंदर के किनारे रे़त पर बैठी वह लड़की भी दूर से आती लहरों को देख कर यही कुछ सोच रही थी....
6 comments:
us ladki ke itjaar khatm ho jaye...........aamin
बहुत गहरे भाव!
बहुत बढ़िया, शानदार!
इस उम्र मे इतने गहरे भाव इस उभरते शब्दशिल्पी की कलम को मेरा सलाम और आशीर्वाद्
खूबसूरत एहसास ..पढना अच्छा लगा..बधाई
गहरे जज्बात। फोटो किस साईट से लाते है आप।
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