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Monday, 15 February 2010

नज़रें सब कुछ कहती हैं...

कहते हैं कि
नज़रें वह सब कहती हैं जिसे
ज़बान नहीं कह सकती है
उल्फत का इज़हार हो या
फिर दर्द की तस्वीर
नज़र सब कुछ बयां कर देती है
कहते हैं कि
नज़रें वह सब सुन लेती हैं
जो कान नहीं सुन सकते हैं
प्यार का इक़रार हो या
फिर उल्झन की तस्वीर
नज़रें सब कुछ सुन लेती हैं
इसी लिए मैं भी
कुछ दिन से इसी उम्मीद पे हूं
कभी तो सुन लेंगी उसकी नज़रें
मेरी मुहब्बत को मोहतात प्याम
मेरी चाहतों, मेरी उमंगों
मेरे अरमानों मेरी धड़कनों को
कभी तो सुन लेंगी उसकी नज़रें
कभी तो कह देंगी मेरी नज़रें
वह सब कुछ जो मैं
ज़बान से नहीं कह पा रहा हूं

26 comments:

संहिता said...

very nice poem .could not understand meaning of some of the urdu words.

रश्मि प्रभा... said...

nazren jo kahti hai,we dil ke kainwaas par utar jati hain

Mithilesh dubey said...

बहुत खूब लिखा है आपने , कई बार जो हम नहीं कह पाते वह हमारी आंखे कह देती हैं ।

हरकीरत ' हीर' said...

मोहब्बत खुदा की इबादत है ......!!

vandana gupta said...

waah.........kya baat hai.......jaroor kabhi to wo sab ankaha sunegi hi.

श्रद्धा जैन said...

nazren waqayi sab kah deti hai
bas samjhne wala chahiye
dua hai ki aapke jazbaat padh sakne layak nazar usko mile .........

bahut sunder abhivayakti

निर्मला कपिला said...

बहुत गहरे से दिल की आवाज़ निकली है तो जरूर कबूल होगी बहुत अच्छी रचना है --- पहले की तरह । दिल से लिखते हो शुभकामनायें

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

जज्बातों को खूबसूरत अलफ़ाज़ दिए हैं....खूबसूरत नज़्म है..

सुरेन्द्र "मुल्हिद" said...

Hello Razi,

Thanks for your comment on my blog, I really appreciate that.

Now about your post which i have just read!

It's a work of art and deep thougts, keep up y our great work.

I am your follower now so i would keep on coming.

Your also welcome on my blog anytime.

Thanks.
Surender
http://shayarichawla.blogspot.com/

इस्मत ज़ैदी said...

jazbaat ki bilkul sahi tarjumaanee karti hain nazren aur aapne is khoobsoorat ehsaas ko alfaaz men bahut zimmedaari ke saath dhaala hai
bahut khoob .

Dimple said...

Hello,

Zaroor keh dengi nazren sab kuch :)
Bahut sundar likha hai aapne!

Thanx for stopping by & leaving your comments as well!

Regards,
Dimple
http://poemshub.blogspot.com

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

जनाब रज़ी साहब, आदाब
मेरी मुहब्बत...मेरी चाहतों, मेरी उमंगों
मेरे अरमानों मेरी धड़कनों को
कभी तो सुन लेंगी उसकी नज़रें
कभी तो कह देंगी मेरी नज़रें
वह सब कुछ जो मैं
ज़बान से नहीं कह पा रहा हूं
वाह.....खूबसूरत अहसास

Pawan Kumar said...

नज़र पे आपका यह नजराना अच्छा लगा...........! बहुत खूब!

अमृत कुमार तिवारी said...

क्या बात है...वाकई नज़रे सब कुछ बयां कर देती हैं। लेकिन आप जिनके लिए नज़रों से बताने की फिराक में हैं कहीं ऐसा न हो समझते-समझते देर हो जाए। वैसे मेरी दुआ है कि नजरों का जादू सिर चढ़ के बोले....

वैसे बहुत खूब लिखा है आपने....

sunil gajjani said...

मुझे मत सुना ये कहावतें मेरे हौसलों को ना तोड़ यूं
मेरे साथ मां की दुआएं हैं मेरे ख़्वाब भी कहीं और हैं
ye sher aap ko nazar hai janab razi sahab, main pehli dafe aap ke blog par aaya hoo. shandar hai aap ka kalam , hamare blog aakharkalash.blogspot.com ki or se aap ko dhero mubarkbad ki aap makbuliyat hasil karte jaye.
aamin

अमृत कुमार तिवारी said...

होली की ढोरों शुभकामनाएं

Anonymous said...

"कभी तो सुन लेंगी उसकी नज़रें
कभी तो कह देंगी मेरी नज़रें
वह सब कुछ जो मैं
ज़बान से नहीं कह पा रहा हूं"
जी हाँ - सब कुछ कहती और सुनती हैं नजरें - सुंदर शब्दों और भावों को समेटे प्रशंसनीय रचना.

Dr. Tripat Mehta said...

wah wah! kya baat hai aapke andaaze baya mein
http://sparkledaroma.blogspot.com/
http://liberalflorence.blogspot.com/

फ़िरदौस ख़ान said...

बेहद दिलकश और दिल को छू लेने वाली नज़्म है...

योगेन्द्र मौदगिल said...

wah..

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

achhi kavita hai

अमृत कुमार तिवारी said...

janab ab to nazaren pyar karengi....intzaar khatm ho..Amen

संजय भास्‍कर said...

BEAUTIFUL

vikas vashisth said...

nahi mujhe bahut khoob nahin laga. frankly speaking...
balki mujhe to isme tumhari kavita ka star kuch gira hua lag raha hai. han amrit wali dua main bhi karta hun ke jald hi wo tumhari nazron ki bhasha samajh le

vikas vashisth said...

nahi mujhe bahut khoob nahi lagi, blaki mujhe to tumhari kavita ka star gira hua laga.
vaise ye dua main bhi karta hun ke tumhari nazaron ki bhasha wo jald hi samajh le

vikas vashisth said...

nahi mujhe bahut khoob nahi lagi, blaki mujhe to tumhari kavita ka star gira hua laga.
vaise ye dua main bhi karta hun ke tumhari nazaron ki bhasha wo jald hi samajh le