
इन दिनो कुछ अजीब आलम
प्यार की राह देखती हूं मैं
ज़िंदगी की तलाश में शब भर
चांद तारों से बातें करती हूं
प्यार, इक़रार और वफ़ा हमदम
सबके मानी तलाशती हूं मैं
ज़ेहन में उल्झनों का दफ़्तर है
रात आंखों में काटती हूं मैं
जिसको पाना था उसको पा तो गई
फिर भी तन्हाईयों में जीती हूं मैं
क्यों ये लगता है वह नहीं मेरा
सांस दर सांस जिस पे मरती हूं मैं
वह जो धड़कन में मेरी बसता है
शायद उसके लिए नहीं हूं मैं
प्यार की राह देखती हूं मैं
ज़िंदगी की तलाश में शब भर
चांद तारों से बातें करती हूं
प्यार, इक़रार और वफ़ा हमदम
सबके मानी तलाशती हूं मैं
ज़ेहन में उल्झनों का दफ़्तर है
रात आंखों में काटती हूं मैं
जिसको पाना था उसको पा तो गई
फिर भी तन्हाईयों में जीती हूं मैं
क्यों ये लगता है वह नहीं मेरा
सांस दर सांस जिस पे मरती हूं मैं
वह जो धड़कन में मेरी बसता है
शायद उसके लिए नहीं हूं मैं