tag:blogger.com,1999:blog-3962380951092701537.post2440995566187256176..comments2023-10-20T07:40:09.365-07:00Comments on Awaz Do Hum Ko: गरीबों का लेखक- मुंशी प्रेम चंदRazi Shahabhttp://www.blogger.com/profile/13193897476357715971noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-3962380951092701537.post-31359682609095106052013-12-10T18:39:52.522-08:002013-12-10T18:39:52.522-08:00तनि भोज़पुरीयो मै..सुनी....!
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...तनि भोज़पुरीयो मै..सुनी....!<br />**--*-****-*******-*<br />आपन तो हर दिन होल़ी ,<br />हर रात दिवाल़ी बा ...!<br />हर रात दिवाल़ी बा ...!<br />का धरती , का आस़मान,<br />साऱा जह़ॉन, आप़न बा ...! !<br /> (२) <br />ज़ेकरा से दिल़ मिलल, ओकरो से<br />ज़ेकरा से न मिलल ओकरो से !<br />बात़ करेलीं मोहब्बत से ,<br />ऐस़न आप़न , ख्याली बा..! !<br />आप़न तो हर दिऩ होल़ी ,<br />हर रात़ दिवाल़ी बा ....!!!<br /> (३)<br />न मोटर , न बंग़ला..<br />थ़रियो देख: , खाली बा ..!<br />तहियो....<br />आपन हर दिऩ होल़ी ...<br />हर रात़ दिव़ाली बा .....!!<br /> By अनवर हुसैन " अनु"Anwar Hussain Anu Bhagalpurihttps://www.blogger.com/profile/01928766373757041759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3962380951092701537.post-50347502129552243702013-12-10T18:38:18.206-08:002013-12-10T18:38:18.206-08:00तनि भोज़पुरीयो मै..सुनी....!
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...तनि भोज़पुरीयो मै..सुनी....!<br />**--*-****-*******-*<br />आपन तो हर दिन होल़ी ,<br />हर रात दिवाल़ी बा ...!<br />हर रात दिवाल़ी बा ...!<br />का धरती , का आस़मान,<br />साऱा जह़ॉन, आप़न बा ...! !<br /> (२) <br />ज़ेकरा से दिल़ मिलल, ओकरो से<br />ज़ेकरा से न मिलल ओकरो से !<br />बात़ करेलीं मोहब्बत से ,<br />ऐस़न आप़न , ख्याली बा..! !<br />आप़न तो हर दिऩ होल़ी ,<br />हर रात़ दिवाल़ी बा ....!!!<br /> (३)<br />न मोटर , न बंग़ला..<br />थ़रियो देख: , खाली बा ..!<br />तहियो....<br />आपन हर दिऩ होल़ी ...<br />हर रात़ दिव़ाली बा .....!!<br /> By अनवर हुसैन " अनु"Anwar Hussain Anu Bhagalpurihttps://www.blogger.com/profile/01928766373757041759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3962380951092701537.post-26644129185169043142013-12-10T18:37:39.024-08:002013-12-10T18:37:39.024-08:00हम है खामोश, मऩ बेच़ैन कयु है
तढ़पती सेह़राह पे, ...हम है खामोश, मऩ बेच़ैन कयु है <br />तढ़पती सेह़राह पे, रेत का समनद़र कयु है ?<br />तेरे इतने करिब़ है "अनवर",<br />फिऱ भी अंधेरा क़यु है ...?<br />फिऱ भी अंधेरा क़यु है ...?<br />खुद़ को जलाती है शम़मा,<br /> रौश़नी के लिए ,<br />जलने को तड़पता है परवाना,<br />स़ोचता है,<br />होता सवेरा कयु है...?<br />होता सवेरा कयु है...?<br />कितने करिब़ है चॉद - सुरज़,<br />चंदा पे अंधेरा कयु है.. ? <br />तड़पती स़ेहरा पे , <br />रेत का समन्द़र क्यु है. ?<br />हम है खामोश़ , मन बैच़ेन क्यु है ?<br />By अनवर हुसैन " अनु"Anwar Hussain Anu Bhagalpurihttps://www.blogger.com/profile/01928766373757041759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3962380951092701537.post-14085193026126467012013-12-10T18:37:11.281-08:002013-12-10T18:37:11.281-08:00
छुुप छिप कर देखना ,
ख्यालो मे तड़पना ,
ईश्क कि ञ...<br />छुुप छिप कर देखना , <br />ख्यालो मे तड़पना ,<br />ईश्क कि ञृगांर है.!<br />ईश्क कि ञृगांर है.!<br />जो है तेरे दिल मे,<br />बता दे उसे ,<br />यू हि त़ड़पना बेकार है .!<br />यू हि त़ड़पना बेकार है .!<br />हो न हो , <br />उसे भी तुझ जैसे<br />किसी हमदम का इंतजार है.!<br />किसी हमदम का इंतजार है.!<br />अनवर हुसैन अनु<br />अनवर हुसैन अनुAnwar Hussain Anu Bhagalpurihttps://www.blogger.com/profile/01928766373757041759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3962380951092701537.post-78395658932728549062013-12-10T18:36:37.711-08:002013-12-10T18:36:37.711-08:00इसलिए तो तुमहे चुमना चाहता हुं
तुमहारे जिसम के अंग...इसलिए तो तुमहे चुमना चाहता हुं<br />तुमहारे जिसम के अंग-२ को देखना चाहता हुं ,<br />उस अहसास को , कागज मे गढ़ना चाहता हुं<br />तेरे लवो की जुंबिश को,<br />तेरे जिस़म की गरमी को,<br />गज़ल मे लिखना चाहता हुं<br />तेरी आंखो से तेरी जिस़म मे,<br />तेरी जिस़म से तेरी रूह के दरमियॉ,<br />इक कलाम बनाना चाहता हुं<br />तुझे अपनी मोहबबत का , <br />ताजमहल बनाना चाहता हुं,<br />ताजमहल बनाना चाहता हुं,<br />तुझे गज़ल बनाना चाहता हुंAnwar Hussain Anu Bhagalpurihttps://www.blogger.com/profile/01928766373757041759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3962380951092701537.post-58234574477094986522013-12-10T18:36:00.168-08:002013-12-10T18:36:00.168-08:00एक चिंग़ारी....!
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जलती है एक...एक चिंग़ारी....!<br />***********-**********<br />जलती है एक चिंग़ारी,<br /> ज्वाला बनकर धकधक धक<br />धकधक धक, धकधक धक..!<br /><br />डब्बो से डब्बो को जोड़े,<br />लौहपथ़ पे सरपट दौड़े,<br />गऱजन करती श़ोर मचाती,<br />इंकलाबी जोश़ जग़ाती ,<br />चित्कारो से राह़ बनाती,<br />इंज़न बढ़ती धकधक धक<br />धकधक धक ,धकधक धक..!<br /><br />कबतक चुप रहोग़े जानी,<br />पीते रहोग़े माँग़कर पानी !<br />अपने ही अधिकारो से ,<br />ये है कैसी नाद़ानी ...?<br /><br />सुनो..!<br />थोढ़ी मेरी भी वाण़ी.....!<br />तोढ़ती है ख़ामोशी ,<br />छोटी सी एक ठक़ठ़क ठ़क<br />ठ़कठक़ ठ़क , ठ़कठक़ ठ़क..!!<br />जलती है एक चिंग़ारी ,<br />ज्वाल़ा बनकर धकधक धक...<br />धकधक धक , धकधक धक !!!<br /><br />एक सोंच ही है काफ़ी, <br />अंधकार मिटाने को ,<br />"एडीस़न" ने जो ठानी ,<br />रौश़नी फैलाने को.!<br />कर दी दुनिय़ा उसने रौश़न ,<br />इक पल में ही , झक़झक़ झक़<br />झक़झक़ झक़ , झक़झक़ झक़ !!<br />ज़लती है एक चिंग़ारी,<br />ज्वाला बनकर ,धक़धक़ धक़,<br />धक़धक़ धक़ ,धक़धक़ धक़..!!!<br /><br /> अनवर हुसैन अनु<br /><br />(आप की ज़ीत पे मेरी आम आदमी व अरविंद जी को मेरी ये भेंट )<br /><br />...Anwar Hussain Anu Bhagalpurihttps://www.blogger.com/profile/01928766373757041759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3962380951092701537.post-70547156005333965782009-10-14T22:06:39.655-07:002009-10-14T22:06:39.655-07:00aapke blog pe mahan hastiyon ki amulya jaankaariya...aapke blog pe mahan hastiyon ki amulya jaankaariyaan hai tyohar ke baad ek-ek kar padhungi ,happy diwali aap sabhi ko .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3962380951092701537.post-4427911694256707852009-10-08T04:45:56.589-07:002009-10-08T04:45:56.589-07:00Munshi Premchand har kisee ko apne se lagte the......Munshi Premchand har kisee ko apne se lagte the...chahe ameer hon, chahe gareeb, kyonki unkee lekhneese zindagee kee asliyat utartee rahee..kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3962380951092701537.post-62981468529533251412009-10-08T04:11:06.108-07:002009-10-08T04:11:06.108-07:00prem chand ji ki punya tithi pa runhein naman.prem chand ji ki punya tithi pa runhein naman.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3962380951092701537.post-20908272605498082102009-10-08T03:08:06.627-07:002009-10-08T03:08:06.627-07:00हम प्रेमचंद की कहानियों को पढ़ते हुए बड़े हुए हैं।...हम प्रेमचंद की कहानियों को पढ़ते हुए बड़े हुए हैं। उनकी कहानियों ने हमे वो नज़र दी जिससे हम भारतीय समाज विशेष को देखना शुरू किए। बेहद ही अच्छा लगा कि आपने महान लेखक के पुन्यतिथि पर यह लेख लिखा। प्रेमचंद के साथ ही आपको भी सलाम...<br />जय हिंदअमृत कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/00404648697774307768noreply@blogger.com