Pages

Tuesday 29 June 2010

तुमसा कुछ पाना चाहता हूं....


पाने को तो बहुत कुछ है

पर तुमसा कुछ पाना चाहता हूं

मुस्कुराते हुए लब

मस्ती में डूबी निगाहें

और गालों पर फैली थोड़ी सी लाली

पाने को तो बहुत कुछ है...

एक मुठ्ठी खुशियां

उम्र भर का तुम्हारा साथ

और एक क़तरा कामयाबी

पाने को तो बहुत कुछ है...

आवारा बादलों का एक टुकड़ा

चांद पर छोटा सा आशियां

और ज़िंदगी में बहुत कुछ कर गुज़रने का साहस

पाने को तो बहुत कुछ है

पर तुमसा कुछ पाना चाहता हूं....